कुछ अरसा क़बल को रोना वाइरस के फैल जाने के बाद हरमैन शरीफ़ैन के उमूर की जनरल प्रैज़ीडैंसी ने मस्जिद नबवी शरीफ़ में हिफ़ाज़ती और एहतियाती इक़दामात की सतह को मज़ीद बुलंद कर दिया है

इस सिलसिले में मस्जिद नबवी के अंदर जरासीमकुश मवाद के साथ सफ़ाई का अमल बढ़ा दिया गया है। इस काम में जदीद तरीन आलात और मशीनों का इस्तिमाल किया जा रहा है। मस्जिद नबवी में पानी के कूलरों , गिलासों और क़ालीनों को दिन-भर में दस मर्तबा साफ़ किया जा रहा है। इसी तरह नमाज़ के लिए बिछे क़ालीनों की सफ़ों के दरमयान1.5 मीटर का फ़ासिला कर दिया गया हैता कि अमराज़ के फैलाओ पर रोक लगाई जा सके

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इस सिलसिले में उलार बया के नुमाइंदे ने मस्जिद नबवी में सेहत, माहौल और तजुर्बा गाहों के उमूर से मुताल्लिक़ डायरेक्टर यूसुफ़ अलावफ़ी से ख़ुसूसी बातचीत की। अलावफ़ी ने बताया कि वज़ारत-ए-सेहत के डायरेक्टर जनरल की हिदायत पर को रोना वाइरस से बचाओ के लिए मस्जिद नबवी में हिफ़ाज़ती और एहतियाती इक़दामात और तदबीरों में इज़ाफ़ा कर दिया गया है। उनमें मस्जिद नबवी के फ़र्श को जरासीमकुश और खुशबू-दार मवाद के ज़रीये रोज़ाना छः मर्तबा धोना, तौसीअ के इलाक़ों में दाख़िली रास्तों पर जरासीमकुश मवाद का छिड़काओ, नमाज़ियों की सफ़ों के क़ालीनों के दरमयान फ़ासिला पैदा करना और मस्जिद के अंदर एयर कंडीशनर की जालियों और रोशन दानों की ख़ुसूसी सफ़ाई शामिल है

हरमैन शरीफ़ैन के उमूर की जनरल प्रैज़ीडैंसी ने मस्जिद हराम और मस्जिद नबवी को जरासीम से पाक रखने और उनकी ततहीर के लिए3500 अहल-ए-कार मामूर किए हैं। वाज़िह रहे कि रौज़ा मुबारक को बक़ीया मस्जिद से अलाहदा करने वाले बरामदों में नमाज़ की अदायगी पर आरिज़ी पाबंदी लगा दी गई है। ये बरामदे मस्जिद नबवी की पुरानी तामीर का हिस्सा हैं। इस तामीर का मजमूई रकबा16 हज़ार मुरब्बा मीटर है। पांचों नमाज़ों के वक़्त मस्जिद नबवी के इमाम का दाख़िला और जनाज़े की मौजूदगी मज़कूरा पाबंदी से मस्तसनी है