यस बैंक संकट की चपेट में इंसान ही नहीं बल्कि भगवान भी आ गए हैं। यस बैंक में पुरी के सदियों पुराने भगवान जगन्नाथ मंदिर का 545 करोड़ रुपया फंस गया है। बैंक में मंदिर का पैसा फंसने से पुजारी और श्रद्धालु चिंतित हैं। इन लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है।
इस ख़बर के सामने आने के बाद केंद्र की मोदी सरकार विपक्षियों के निशाने पर आ गई है। विपक्षी नेता बीजेपी पर हिंदुओं के मंदिर का पैसा लुटवाने का आरोप लगा रहे हैं। वहीँ सोशल मीडिया पर लोग भगवान को खतरे में बता रहे है।
ट्विटर पर क्या बोले लोग-
एक यूजर ने लिखा- ‘पहले हिन्दू खतरे में था अब हिन्दू के ‘भगवान’ भी खतरे में हैं’
₹545 crores of Lord Jagannath Temple (Puri) is also reportedly stuck in #YesBank.
Pehle Hindu khatre mein tha. Ab Hindu ke Bhagwaan bhi khatre mein hain.
— PuNsTeR
(@Pun_Starr) March 7, 2020
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कांग्रेस नेता रोहन गुप्ता ने लिखा- मोदी राज में क्या हिन्दु क्या मुसलमान, जब बच नहीं पाए भगवान !
मोदी राज में क्या हिन्दु क्या मुसलमान,
जब बच नहीं पाए भगवान !https://t.co/oHjMQKhLdU— Rohan Gupta (@rohanrgupta) March 7, 2020
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₹545 crores of Lord Jagannath Temple is also reportedly stuck in Yes Bank.
Hindu ke saath saath, Hindu ka paisa bhi khatre main hai.
— Nirmala Tai (@Vishj05) March 7, 2020
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शिल्पी सिंह ने लिखा- आम लोगों की बात छोड़िए अब तो भगवान का पैसा भी यस बैंक में फंस गया है! जिनके पैसे इस बैंक में जमा हैं, वे भगवान भरोसे हो गए हैं लेकिन प्रभु जगन्नाथ क्या करें? भगवान जगन्नाथ का 545 करोड़ रुपया YES BANK में फंसा!
आम लोगों की बात छोड़िए अब तो भगवान का पैसा भी यस बैंक में फंस गया है!
जिनके पैसे इस बैंक में जमा हैं,वे भगवान भरोसे हो गए हैं लेकिन प्रभु जगन्नाथ क्या करें?
भगवान जगन्नाथ का 545 करोड़ रुपया YES BANK में फंसा!
— SHILPI SINGH (@ShilpiSinghINC) March 7, 2020
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बता दें कि यस बैंक में भगवान जगन्नाथ मंदिर का 545 करोड़ रुपए जमा है। मंदिर को ये पैसे श्रद्धालुओं के चढ़ावे और दान से मिले थे। जो अब बैंक पर लगी ताज़ा पाबंदियों के बाद फंस गए हैं। मंदिर के प्रबंधकों के चिंता है कि अब मंदिर के देखरेख का कार्य कैसे होगा।
मंदिर के दैतापति (सेवक) विनायक दासमहापात्रा ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा येस बैंक पर रोक से सेवक और भक्त आशंकित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम उन लोगों के खिलाफ जांच की मांग करते हैं जिन्होंने थोड़े ज्यादा ब्याज के लालच में निजी क्षेत्र के बैंक में इतनी बड़ी राशि जमा कराई है।’’
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