दस बड़े बिज़नेस घरानों की 44 कंपनियों ने यस बैंक के 34,000 करोड़ डकार लिए।

अनिल अंबानी की नौ कंपनियों ने यस बैंक से 12,800 करोड़ का लोन लिया।

ज़ी न्यूज़ वाले सुभाष चंद्रा के एस्सल ग्रुप की 16 कंपनियों ने 8,400 करोड़ का लोन लिया।

DHFL की दीवान हाउसिंग फ़ाइनांस कारपोरेशन और बिलिंग रिएल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड की कंपनियाँ हैं। यस बैंक से 4,375 करोड़ का लोन लिया।

IL&FS ने यस बैंक से 2500 करोड़ लिया।

जेट एयरवेज़ ने यस बैंक से 1100 करोड़ लोन लिया।

सारी जानकारी आज के इंडियन एक्सप्रेस से ली गई है।

आपको लगता है कि क्रोनी कैपिटल सिस्टम के ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी ?

लगता है तो हैप्पी होली। खेलिए रंग।

एक आम आदमी लोन लेकर घर ख़रीदता है। नौकरी चली गई। ई एम आई नहीं चुका पाता। घर की कुर्की हो जाती है। अनिल अंबानी को रफाल का धंधा मिल जाता है।

क्या है राणा कपूर का मामला?

राणा कपूर भारतीय कॉर्पोरेट वर्ल्ड के बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं. यस बैंक की शुरूआत 2004 में राणा कपूर ने अपने एक रिश्तेदार के साथ मिलकर की थी. 1000 से ज़्यादा शाखाओं और 1800 से ज़्यादा ए.टी.एम वाला यस बैंक देश का चौथा सबसे बड़ा निजी बैंक है.

राणा कपूर ने 2016 में मोदी सरकार द्वारा लायी गई नोटबंदी के लिए तारीफ की झड़ी लगा दी थी. साल 2018 में आर.बी.आई को येस बैंक की बैलेंस शीट और एन.पी.ए में गड़बड़ी लगी. इसलिए राणा कपूर को आर.बी.आई ने हटा दिया था. राणा के हटने के बाद भी यस बैंक की स्थिति और भी गिरती गई. सरकार जब विनिवेश के नशे में मशगूल है, तब देश के निजी बैंकों की हालत पस्त है!

एक ओर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने येस बैंक के ग्राहकों को भरोसा दिलाया है कि ये संकट जल्दी ही खत्म होगा. वहीं दूसरी तरफ सरकार 28 पी.एस.यू को बेचने को तैयार बैठी है. निजी क्षेत्र की कंपनियां एक के बाद एक धराशायी हो रही हैं. पर सरकार को अभी भी निजीकरण का भूत सवार है. जेट एयरवेज़, पी.एम.सी बैंक, एयर इंडिया और अब येस बैंक इसके गवाह हैं. इस लिस्ट की भविष्य में बढ़ने की संभावनाएं प्रबल हैं.

The post यस बैंक से अंबानी ने 12800 करोड़ और सुभाष चंद्रा ने 8400 करोड़ का लोन लिया, लेकिन इनका कुछ नहीं होगा appeared first on Bolta Hindustan.